बलिया में 9 दिवसीय हवनात्मक महारूद्र यज्ञ : शिव महापुराण कथा में उमड़ रहा आस्था का सैलाब, पहुंचे डीएम भी
पुरुषोत्तम मास में परिखरा की पावन धरती पर चल रहे श्री शिव महापुराण (Shiv Mahapuran) कथा के तीसरे दिन काशी से पधारे बाल व्यास शशिकांत जी महाराज ने कहा कि आज घर-घर में पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण हम अपनी सनातन संस्कृति (Sanatan Sanskriti) से दूर होते चले जा रहे हैं। हम अपने बच्चों को सनातन संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देते हुए मर्यादाओं का पालन करना सिखाए।
कहा कि युवा पीढ़ी बुजुर्गों का सम्मान करते हुए धर्म के दिखाए गए मार्ग पर चले। बताया कि अपने जीवन में संस्कार लाने से ही पश्चात संस्कृति के प्रभाव को रोका जा सकता है। बच्चे चाहे अंग्रेजी पढ़ें या विदेश जाये, इसमें बुराई नहीं है। मगर अपनी संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों को ना छोड़े। कहा कि मनुष्य को एक दूसरे के प्रति प्रेम व सम्मान के भाव को रखना चाहिए। माता-पिता का सम्मान व गुरुओं का आदर सदैव करना चाहिए।
0 Response to "बलिया में 9 दिवसीय हवनात्मक महारूद्र यज्ञ : शिव महापुराण कथा में उमड़ रहा आस्था का सैलाब, पहुंचे डीएम भी"
एक टिप्पणी भेजें